24 जुलाई 2025 से भारत ने चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीज़ा फिर शुरू किए—5 साल बाद बहाली
भारत ने 24 जुलाई 2025 को चीनी यात्रियों के लिए टूरिस्ट वीज़ा फिर से जारी करने का ऐलान किया। यह 2020 की लद्दाख तनातनी और महामारी के बाद पहली पहल है। बीजिंग ने कदम का स्वागत किया, जबकि नई दिल्ली इसे जनता-से-जनता संपर्क बढ़ाने की दिशा में अहम मानती है।
2020 के बाद रिश्तों में क्या-क्या बदला?
लद्दाख में 2020 की झड़प के बाद भारत ने चीनी निवेशों और कई लोकप्रिय चीनी ऐप्स पर रोक लगाई थी। दूसरी तरफ, चीन ने महामारी के कारण वीज़ा नियम कड़े कर दिए थे। अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं—दोनों देश सीमित स्तर पर ही सही, लेकिन संबंधों को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं।
साथ ही, सीधी उड़ानों की बहाली, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन सहयोग पर बातचीत जारी है। हालांकि, सीमा विवाद, व्यापार असंतुलन और सुरक्षा चिंताएँ अभी भी पूरी तरह सुलझी नहीं हैं।
आगे क्या उम्मीद की जाए?
- ट्रैवल एजेंसियाँ और एयरलाइंस चीन से आने वाले पर्यटकों के लिए पैकेज तैयार कर रही हैं।
- भारत के लोकप्रिय सर्किट (गोल्डन ट्रायंगल, केरल, लद्दाख) में चीनी टूरिस्ट ट्रैफिक बढ़ने की संभावना है।
- सरकारें देखना चाहेंगी कि यह “सॉफ्ट डिप्लोमैसी” क्या दोनों तरफ भरोसा बढ़ा पाती है या नहीं।
FAQs
Q1. टूरिस्ट वीज़ा की विंडो कब खुली?
A. 24 जुलाई 2025 से ऑफ़िशियली आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
Q2. क्या सिर्फ टूरिस्ट वीज़ा ही बहाल हुआ है?
A. नहीं। छात्र और बिज़नेस वीज़ा पहले से दिए जा रहे थे; अब टूरिस्ट कैटेगरी भी जोड़ दी गई है।
निष्कर्ष
टूरिस्ट वीज़ा की बहाली निश्चित रूप से दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाएगी और पर्यटन उद्योग को गति देगी। लेकिन यह केवल शुरुआत है—संबंधों में वास्तविक सुधार तभी दिखेगा जब सीमा और व्यापार से जुड़े मूल मुद्दों पर ठोस प्रगति होगी। तब तक यह कदम “बर्फ पिघलने” का संकेत जरूर है, पर पूरी तरह वसंत आने में समय लगेगा।




