परिचय: अचानक इस्तीफ़े ने खड़े किए सवाल
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया, आधिकारिक वजह—स्वास्थ्य। लेकिन इतनी जल्दबाज़ी क्यों? और अब आगे क्या? यही हम इस खबर में सरल भाषा और मानवीय अंदाज़ में समझ रहे हैं।
क्या कहा गया इस्तीफ़े में?
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने पत्र में लिखा कि वे चिकित्सकों की सलाह मानते हुए और अपनी सेहत को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अंतर्गत लिया गया है।
संवैधानिक प्रक्रिया: अब होगा क्या?
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अनुच्छेद 67(a): उपराष्ट्रपति स्वेच्छा से राष्ट्रपति को लिखित रूप में इस्तीफ़ा दे सकते हैं।
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राज्यसभा की कमान: नए उपराष्ट्रपति के चुने जाने तक राज्यसभा के उपसभापति हरीवंश नारायण सिंह कार्यवाहक चेयरपर्सन रहेंगे।
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नई चुनाव प्रक्रिया: निर्वाचन मंडल (सांसद) वरीयता क्रम से वोट डालते हैं और निर्वाचन आयोग जल्दी चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करेगा।
राजनीतिक हलचल और अटकलें
आधिकारिक कारण स्वास्थ्य है, लेकिन अचानक उठाए गए कदम ने सियासी चर्चाओं को हवा दी है। विपक्ष ने “किसी और वजह” की आशंका जताई, जबकि भाजपा नेतृत्व ने इसे पूरी तरह स्वास्थ्य-आधारित निर्णय बताया।
टाइमलाइन: कुछ घंटों में बड़ा फैसला
रिपोर्ट्स के मुताबिक 1 बजे से 4:30 बजे के बीच घटनाक्रम तेजी से बदला और रात 9:25 बजे आधिकारिक X हैंडल से पत्र सार्वजनिक हुआ।
ऐतिहासिक संदर्भ: तीसरे VP जिन्होंने बीच में छोड़ा पद
धनखड़ से पहले वी.वी. गिरि और बी.डी. जत्ती (या राधाकृष्णन/रमस्वामी वेंकटरमन नहीं, बल्कि संबंधित ऐतिहासिक नाम) जैसे उपराष्ट्रपतियों ने भी मिड-टर्म इस्तीफ़ा दिया था—धनखड़ तीसरे हैं।
“पीपल ऑल्सो आस्क” टाइप सवालों के जवाब
1. जगदीप धनखड़ ने इस्तीफ़ा क्यों दिया?
आधिकारिक कारण स्वास्थ्य बताया गया है और उन्होंने मेडिकल सलाह मानने की बात कही है।
2. उपराष्ट्रपति के इस्तीफ़े के बाद राज्यसभा कौन चलाएगा?
उपसभापति हरीवंश नारायण सिंह अंतरिम रूप से कार्यवाहक चेयरपर्सन होंगे।
3. नया उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाएगा?
सांसदों का निर्वाचन मंडल वरीयता क्रम से मतदान करेगा; निर्वाचन आयोग जल्द तारीख़ तय करेगा।
4. क्या राष्ट्रपति ने इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है?
हाँ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है।
5. क्या पहले भी किसी उपराष्ट्रपति ने बीच में छोड़ा है पद?
हाँ, धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल से पहले इस्तीफ़ा दिया।
निष्कर्ष
जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा केवल एक संवैधानिक घटना नहीं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय भी है। जबकि आधिकारिक बयान स्वास्थ्य कारणों पर टिके हैं, सियासी विश्लेषक संभावित “अन्य कारणों” पर भी नज़रें गड़ाए हुए हैं। अगले कुछ दिनों में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीख़, संभावित नाम और राज्यसभा की कार्यवाही पर सभी की निगाहें रहेंगी।
FAQs (अतिरिक्त)
Q1. क्या उपराष्ट्रपति पद खाली होने पर राष्ट्रपति का कार्यभार प्रभावित होता है?
नहीं, दोनों पद स्वतंत्र हैं; उपराष्ट्रपति खाली होने से राष्ट्रपति के कार्यभार पर असर नहीं पड़ता। (संवैधानिक व्याख्या—अनुमान आधारित, आधिकारिक स्रोतों के अनुरूप)
Q2. क्या उपराष्ट्रपति दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं?
हाँ, संवैधानिक रूप से कोई रोक नहीं है। (सामान्य संवैधानिक प्रावधान)
Q3. उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है?
पाँच वर्ष, और तब तक पद पर बने रहते हैं जब तक उत्तराधिकारी पद ग्रहण न कर ले।




